अल्पमत दौड़ रही ‘निर्दल अध्यक्ष’ की गाड़ी,
जांच से बचने को कर रहे भाजपा की सवारी।

राजनगर- मध्यप्रदेश के अंतिम छोर पर बसे नगर परिषद बनगंवा के निर्दलीय निर्वाचित अध्यक्ष दिनांक 27 जनवरी 2023 को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लिए है जिसके लिए पूरे दल बल और अनेकों वाहनों के काफिले के साथ भारतीय जनता पार्टी के लोग, नगर परिषद बनगवां के निर्दलीय अध्यक्ष यशवंत सिंह को, भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाने के लिए निकले थे।

विदित हो कि यशवंत सिंह बीते दिनों संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनावों में वार्ड क्रमांक 14 से निर्दलीय सर्वाधिक मतों से निर्दलीय पार्षद के रूप में निर्वाचित हुए थे जिसके बाद 9 निर्दलीय पार्षदों के मत समर्थन से उन्हें नगर परिषद बनगवां के अध्यक्ष पद की गद्दी सुपुर्द हुई थी।

अल्पमत दौड़ रही ‘निर्दल अध्यक्ष’ की गाड़ी,
जांच से बचने को कर रहे भाजपा की सवारी।

आधे चक्के में दौड़ रही गाड़ी,
दिव्यांग हो गयी परिषद बेचारी

काफिलो का भीड़ ऐसा रहा मानो कोई बड़ी घटना घटने वाली हो या कोई मंत्री-विधायक का तख्ता पलट होने वाला हो परन्तु 9 निर्दलीय पार्षदों को जोड़ कर नगर परिषद बनगवां में बनाई गयी सरकार के अध्यक्ष समेत मात्र 3 निर्दलीय पार्षद ही भाजपा की सदस्यता लेने अनूपपुर पहुँचे।

जानकारी के लिए हम बता दे कि नगर परिषद बनगवां से भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले पार्षदों के नाम क्रमशः यशवंत सिंह (नगर परिषद अध्यक्ष) वार्ड क्रमांक 14, श्रीमती राजकुमारी वार्ड क्रमांक 2 एवं श्रीमती सविता कुशवाहा वार्ड क्रमांक 6 है।

अल्पमत दौड़ रही ‘निर्दल अध्यक्ष’ की गाड़ी,
जांच से बचने को कर रहे भाजपा की सवारी।

पार्षदों ने लगाई थी जाँच की फटकार
शुद्धिकरण करने पहुँचे भाजपा के दरबार

नगर परिषद बनगवां के निर्दलीय अध्यक्ष समेत कुल 3 निर्दलीय पार्षदों के साथ गरमाई हुई सियासत के बीच चौक चौराहों में यह चर्चा का विषय काफ़ी जोर शोर से कोलाहल बना हुआ है कि जाँच के डर से उक्त जनप्रतिनिधियों ने भाजपा के दरबार का दरवाजा खटखटाया है।

विदित हो कि बीते दिनों वार्ड क्रमांक 15 के कांग्रेस पार्षद एवं नगर परिषद उपाध्यक्ष धनंजय सिंह एवं वार्ड क्रमांक 11 से निर्दलीय पार्षद विकास प्रताप सिंह द्वारा जेईएम पोर्टल के माध्यम से हो रहे घोटाले की लिखित शिकायत दर्ज कराकर जाँच कराए जाने की मांग की थी जिसके बाद जेईएम पोर्टल द्वारा किए जाने वाले समस्त भुगतानों पर रोक लगा दिया गया है। अगर जाँच में घोटाला साबित होता है एवं आरोपी दोषी सिद्ध होते है तो उन सभी पर न्यायिक प्रक्रिया में जुर्माना वसूली के साथ प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है।

जनमत का हो गया बंटाधार
औंधे मुँह गिरी निर्दल सरकार

यह वास्तविकता है कि प्रत्यासी बड़े बड़े लुभावने वादों के साथ जनता के साथ जुड़ने, उनकी सेवा करने और अंतिम तक साथ निभाने का दावा करते है परन्तु वक्त के साथ जनमत की हत्या करते हुए सियासत के तहत जनभवनाओ से सियासत कर जाते है। जनता ने जब उन्हें निर्दल प्रत्यासी के रुप में निर्वाचित किया है तो जनभावनाओं के तहत उन्हें कोई अधिकार नहीं बनता कि वह किसी राजनीतिक दल की शरण मे जाए परन्तु जनभावना से भी बढ़कर एक सियासी लोकतंत्र है जिसकी; उक्त प्रकरणों के माध्यम से बार-बार हत्या की जाती आयी है, वर्तमान में भी हो रही है और अगर यही स्थिति रही तो भविष्य में भी पूरी संभावना है।

बहरहाल देखना यह है कि बनगवां की गद्दी को भाजपा के दरबार मे गिरवी रख कर कब तक अपनी सियासत को बचा कर रखते है अध्यक्ष महोदय।

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